Faculty of Science (B. N. College, Bhagalpur) Organizes a Multidisciplinary International Seminar (ERCOIP-2025)

Faculty of Science (B. N. College, Bhagalpur) Organizes a Multidisciplinary International Seminar

Topic: Ecosystem Restoration: Challenges and Opportunities in Indian Perspective (ERCOIP-2025)

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भागलपुर नेशनल कॉलेज, भागलपुर के विज्ञान संकाय द्वारा 7 और 8 मार्च 2025 को “इकोसिस्टम रेस्टोरेशन: चैलेंजेस एंड ऑपॉर्च्युनिटीज इन इंडियन पर्सपेक्टिव” विषय पर एक अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा । इस सेमिनार का उद्देश्य भारतीय संदर्भ में पारिस्थितिकी तंत्र के पुनर्स्थापन से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श करना है ।

यह सेमिनार पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिए नवीन अनुसंधान, नीतियों और विधियों पर केंद्रित होगा, जिसमे राष्ट्रीय स्तर के अलावा विभिन्न देशों जैसे कनाडा, जर्मनी, नीदरलैंड, इजराइल आदि देशों के वक्ता एवं प्रतिभागी हाइब्रिड मोड में जुड़ेंगे ।
सेमिनार में मुख्य रूप से विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञ, शोधकर्ता और छात्र भाग लेंगे । इस सेमीनार के आयोजन समिति में रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बलिराम प्रसाद सिंह संयोजक के रूप में एवं डॉ. अम्बिका कुमार, डॉ. अमित किशोर सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. कुंदन कुमार तथा डॉ. गोलक कुमार मंडल आयोजन सचिव के रूप में कार्य करेंगे ।

प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और पारिस्थितिकी तंत्र के पुनर्स्थापन के महत्व को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा । इसमें अधिक से अधिक प्रतिभागितों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु पंजीकरण शुल्क मात्र रू. 300/- से 500/- के बीच रखा गया है । प्रतिभागियों के रजिस्ट्रेशन एवं आवश्यक जानकारी के लिए बी. एन. कॉलेज भागलपुर के ऑफिसियल वेबसाइट https://bncollegebgp.ac.in/ को विजिट किया जा सकता है ।

Day 1 Report – 07.03.2025

आज दिनांक 07.03.2025 को बी. एन. भागलपुर के विज्ञान संकाय द्वारा इकोसिस्टम रेस्टोरेशन: चैलेंज एंड ऑपर्च्युनिटीज इन इंडियन पर्सपेक्टिव’ का विधिवत उद्‌घाटन किया गया। उद्धाटन समारोह में तिलका मांझी वि. वि. भागलपुर के माननीय कुलपति एवं सेमिनार के मुख्य संरक्षक प्रो. (डॉ.) जवाहर लाल ने ऑनलाइन माध्यम से सभा को सम्बोधित किया। इस समारोह में देश विभिन्न विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपतियों का आगमन हुभा। जिसमे प्रो. अवध किशोर राय, प्रो. के. के. सिंह, प्रो. यू . एन. झा एवं प्रो. फारूक अली प्रमुख थे । अन्य अतिथियों में वि. वि. की कुलानुशासक प्रो. (डॉ.) अर्चना साह भी उपस्थित थीं। आज के उद्‌घाटन सत्र में प्राचार्य एवं सेमिनार के संरक्षक प्रो .(डॉ.) अशोक कुमार ठाकुर ने सेमिनार के विषय चुनाव और आज के परिवेश में इसकी महत्ता और आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। सेमिनार के संयोजक डॉ. बलिराम प्र. सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन सचिव डॉ. अम्बिका कुमार ने सेमिनार का विषय प्रवेश तथा डॉ. अमित किशोर सिंह ने उदघाटन सत्र का धन्यवाद ज्ञापन किया । आज के प्रथम तकनीकी सत्र में प्रसिद्ध वैज्ञानिक व वनस्पतिशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने अपने महत्वपूर्ण में वेट लैंड पर आधारित व्याख्यान में गंगा नदी के पानी में प्रदूषण के कारण डॉल्फिन पर होने वाले दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला। वहीं दूसरे तकनीकी सत्र में स्नातकोत्तर रसायन विभाग के डॉ. अशोक कुमार झा के आर्सेनिक प्रदूषण के प्रभाव के बारे में प्रकाश डाला। उसी सत्र में आई. आई. टी. दिल्ली में रामानुजन फेलोसिप प्राप्त डॉ. पंकज कुमार गुप्ता ने कानपुर के कुछ क्षेत्रों में किए गए अपने शोध कार्य की जानकारी प्रतिभागियों के बीच साझा की। डॉ. गुप्ता ने शोध के क्षेत्र में विभिन्न शोधार्थियों को अपनी मदद देने की बात कही। सेमिनार के तृतीय और अंतिम सत्र में प्रमुख वक्ता डॉ. डी. एन. चौधरी ने पक्षियों नेस्टिंग व्यवहार पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा बताया कि किस प्रकार प्रदूषण तथा वनों की कटाई के कारण उनके इस व्यवहार में बदलाव आया है। तीनों सत्रों में देश विदेश के विभिन्न प्रतिभागियों ने हाइब्रिड मोड में सहभागिता की। कुछ प्रतिभागियों ने पेपर प्रेजेंटेशन भी किया। Repertoire के रूप में डॉ. इंदु, डॉ. कंचन, और डॉ. ऋचा उपस्थित थी। सेमिनार में के संचालन में कार्यक्रम सचिव डॉ. राजेश कुमार, डॉ. कुंदन कुमार एवं डॉ. गोलक कुमार मंडल के अलावा सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों ने अपना सहयोग किया। सेमिनार के टेक्नीकल सपोर्ट का कार्य सुजीत कुमार लक्की, अतुल समीरण, वर्षा आनंद, दिव्यांशु ने किया  | सेमिनार सत्र के मंच संचालन का काम मीडिया प्रभारी डॉ. फिरोज आलम ने किया।