Multidisciplinary International Seminar on “Globalization and Cultural Identity: Impact and Challenges in Indian Society

B. N. College, Bhagalpur (Faculty of Social Science) Organizes a Multidisciplinary International Seminar (21-22 April, 2025)


Media Coverage & Reports

दिनांक 21.04.2025 को बी. एन. भागलपुर के सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा वैश्वीकरण और संस्कृति पहचान: भारतीय समाज पर प्रभाव एवं चुनौतियाँ’ का विधिवत उद्‌घाटन किया गया। उद्धाटन समारोह में तिलका मांझी वि. वि. भागलपुर के माननीय कुलपति एवं सेमिनार के मुख्य संरक्षक प्रो. (डॉ.) जवाहर लाल ने ऑनलाइन माध्यम से सभा को सम्बोधित किया। इस समारोह में देश के विभिन्न विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपतियों का आगमन हुभा। जिसमे प्रो. अवध किशोर राय, प्रो. के. के. सिंह, प्रो. यू . एम. झा, प्रो. बी एस झा, प्रो. पवन कुमार झा एवं प्रो. फारूक अली प्रमुख थे । अन्य अतिथियों में वि. वि. की कुलानुशायक प्रो. (डॉ.) अर्चना साह भी उपस्थित थीं। आज के उद्‌घाटन सत्र में प्राचार्य एवं सेमिनार के संरक्षक प्रो .(डॉ.) अशोक कुमार ठाकुर ने सेमिनार के विषय चुनाव और आज के परिवेश में इसकी महत्ता और आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। सेमिनार के संयोजक डॉ. इंदु कुमारी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और विषय प्रवेश का उल्लेख किया तथा डॉ. इरशाद अली ने उदघाटन सत्र का धन्यवाद ज्ञापन किया । सभी महान अधिवक्ताओं ने भारतीय संस्कृति पर वैश्वीकरण का किया प्रभाव पड़ा है उस पर अपनी राय रखी।
पहले तकनीकी सत्र में जापान के डॉ केंजी ताकेशी टोयो ने संस्कृति के आदान प्रदान खास तौर से महाभारत का अध्ययन करके जापान की संस्कृति पर इसका किया प्रभाव हो रहा है तथा बुद्धिज़्म के प्रचार की वजह से भारतीय संस्कृति का जापानी समाज पर बहुत असर पड़ा है इस पर विस्तार से बात की। एवं रेव मिनुवानगोडा ने भिक्षु यूनिवर्सिटी ऑफ श्रीलंका ने भारत और श्रीलंका की संस्कृति पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर विस्तार से बात रखी।
वहीं दूसरे तकनीकी सत्र में कई अधिवक्ताओं ने अपने संगोष्ठी पेपर पढ़ा। दोनों सत्रों में देश विदेश के विभिन्न प्रतिभागियों ने हाइब्रिड मोड में सहभागिता की। कुछ प्रतिभागियों ने पेपर प्रेजेंटेशन भी किया। इस सेमिनार के उद्घाटन और तकनीकी सत्र में चार सो से अधिक श्रोता ने भाग लिया। Reportoir के रूप में डॉ. मुशर्रफ हुसैन, डॉ. कंचन सिंह, डॉ. कुंदन कुमार और डॉ वासिकुल खैर उपस्थित थे। सेमिनार के संचालन में कार्यक्रम सचिव डॉ. इंदु कुमारी, डॉ. इरशाद अली, श्री पिंकू कुमार के अलावा सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों ने अपना सहयोग किया। आज के सेमिनार सत्र के मंच संचालन का काम मीडिया प्रभारी डॉ. फिरोज आलम ने किया।

बी•एन•कालेज भागलपुर के सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार जिसका विषय वैश्वीकरण और सांस्कृतिक पहचान भारतीय समाज पर प्रभाव एवं चुनौतियां, का 21-04-2025 को विधिवत्त उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में तिलकामांझी विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति एवं सेमिनार के मुख्य संरक्षक प्रो• (डॉ•) जवाहर लाल ऑनलाइन माध्यम से सभा का संबोधित किया। जैसा कि जानते हैं कल के उद्घाटन समारोह में विभिन्न विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति का भी आगमन हुआ जिसमें
प्रो• (डॉ.) अवध किशोर राय
प्रो• (डॉ.) के•के• सिंह
प्रो• (डॉ.) यु•एम•झा
प्रो• (डॉ.) ब•एस•झा
प्रो• (डॉ.) पवन कु•झा
प्रो• (डॉ.) फारूक अली। उपस्थित हुए।
अन्य अतिथियों में वि•वि•की कुलबुलाते प्रो•(डा•) अर्चना साह, भी उपस्थित रहीं।
उद्घाटन सत्र में प्राचार्य एवं सेमिनार के संरक्षक प्रो•(डा•) अशोक कुमार ठाकुर ने सेमिनार के विषय चुनाव और आज के परिवेश में इसकी महत्ता और आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला।

सभी महान वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति पर वैश्वीकरण का क्या प्रभाव पड़ा है इस पर अपनी अपनी राय रखी।

इसअंतर्राष्ट्रीय सेमिनार मे ऑनलाइन माध्यम से कई विद्वान शमिल हुए. जिसमें मुख्यत:- जापान के (डॉ.) केजी ताकेशी टोयो,
श्रीलंका से (डॉ.) रेव मिनुवांगोडा
बांग्लादेश से (डॉ.) बिथिका बानिक.
इत्यादि ने सेमिनार के विषय पर अपने-अपने विचार रखें।
विश्वविद्यालय के कई विद्वान प्रोफेसरों मैं अपने विचार रखें। जिनमें मुख्यतः :-
प्रो• (डॉ.) अनिल कुमार तिवारी
प्रो• (डॉ.) मनोज कुमार
प्रो•(डॉ.) निरंजन प्रसाद यादव
प्रो• (डॉ.)लक्ष्मी पांडे
(डॉ.) संजय जयसवाल
(डॉ.) आशीष मिश्रा
(डॉ.) केके मंडल
(डॉ.) शिवलोचन[बीएचयू]

इसके अलावा कई अन्य विद्वान शिक्षकों एवं शोधार्थियों अपने पेपर को पढ़ा
दोनों सत्रों में 21 एवं 22 को पूरा हाल सुनने वाले शिक्षकों,शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों से भरा रहा। शोध पत्र के प्रथम पुरस्कार (डा•) वसीम रजा रहे।
आज सेमीनार में समापन सत्र में माननीय मुख्य अतिथि जिसमें प्रो• (डॉ•) फारूक करें,प्रो• (डॉ.)ए•के•राय एवं प्रो• (डॉ.) के•के•सिंह सर ने समापन सत्र में अपने विचार रखें।