Rabindranath Tagore Jayanti – 09.05.2025

दिनांक 09.05.2025 को भागलपुर नेशनल कॉलेज, भागलपुर में गुरुदेव रविंद्र नाथ ठाकुर जी का 164वाँ वर्षगांठ उत्सव मनाया गया इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य (प्रो०) डॉ० अशोक कुमार ठाकुर एवं कॉलेज के सभी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों और बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे इस मौके पर कॉलेज प्राचार्य (प्रो०) डॉ० अशोक कुमार ठाकुर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में रविंद्र नाथ ठाकुर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दिये साथ ही कार्यक्रम के मुख्य आयोजक बांग्ला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अंतरा चौधुरी ने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए उनके साहित्यिक योगदान के बारे में बातें बताई हिंदी विभाग के डॉ० सुजाता कुमारी ने गीतांजलि का अंगिका पाठ किया इस अवसर पर अंग्रेजी विभाग के छात्र एवं छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया सुयश, आदित्य, हर्षित, मुस्कान और मौसम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया | धन्यवाद ज्ञापण डॉ० आरती कुमारी और मंच संचालन अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष और कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ० मो० फिरोज आलम ने किया |


गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर जी (1861–1941)

  • जन्म: 7 मई 1861, कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता), भारत

  • मृत्यु: 7 अगस्त 1941

  • उपनाम: “गुरुदेव”, “कवि गुरू”

  • कृतित्व:

    • गीतांजलि (Gitanjali) — उनकी सबसे प्रसिद्ध काव्यरचना है, जिसके लिए उन्हें 1913 में नोबेल पुरस्कार मिला। वे एशिया के पहले नोबेल विजेता बने।

    • उन्होंने भारत का राष्ट्रगान “जन-गण-मन” लिखा, साथ ही बांग्लादेश का राष्ट्रगान “आमार सोनार बांग्ला” भी उन्हीं की रचना है।

    • उन्होंने करीब 2000 से अधिक गीत लिखे, जिन्हें “रवींद्र संगीत” के नाम से जाना जाता है।

    • वे एक शिक्षाशास्त्री भी थे — उन्होंने शांतिनिकेतन और विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की।

    • उन्होंने कहानियाँ, उपन्यास, नाटक, निबंध और चित्र भी बनाए।

  • दर्शन और विचार:
    उनका कार्य आध्यात्मिकता, मानवता, प्रकृति-प्रेम और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण है। वे पश्चिमी शिक्षा और भारतीय परंपरा का संतुलन बनाने में विश्वास रखते थे।